Sunday, May 3, 2015

साधना नियम

साधना  नियम 
01. होली, दिवाली, नवरात्र, श्रवण मास, ग्रहण काल में साध्य मंत्र का अधिक से अधिक जप करने से शीघ्र लाभ होता है। एक निश्चित समय स्थान पर निश्चित जप संख्या करनी चाहिये।
02. अनुष्ठान का वातावरण शुद्ध व स्वच्छ रखें।
03. तामसिक भोजन, मांस मदिरा सेवन असत्य वचन, क्रोध, हिंसा का त्याग करें तथा सात्विक आहार लें। । 04. साधना के समय घर में लड़ाई झगड़ा या कलह क्लेश नहीं होना चाहिये।
5. पाठ के दिनों में मौन रह कर भूमि शयन, ब्रहमचर्य का पालन  करें
06. क्या समाधन कर रहें हैं पूर्ण होने तक गुप्त रखें।
24 व 51 हजार तथा 1.25 लाख मंत्र का क्रमशः लघु, मध्य व दीर्घ अनुष्ठान होता है। 40 दिन में  3 माला प्रतिदिन कर 11000 का जाप से भी शुरुआत कर सकते हंै।
साधना पूरी होने से यंत्र व मंत्र सिद्ध हो जाते हंै तथा अभीष्ट प्राप्ति तक प्रतिदिन एक माला रोज करते रहें।  पूजा अर्चना का फल जरूर मिलता है आज नहीं तो कल।  दुर्भाग्य वश आपके कार्य मेें विलम्ब हो भी जाय तो अविश्वास करके हताश कदापि न हों। कुछ समय बाद एक बार प्रयोग पुनः दोहरा दें। कोई कारण नहीं कि आपका कार्य सिद्ध न हो।
अपने दशकों के अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि जो स्वयं या अपने परिवार के किसी सदस्य द्वारा ही साधना या उपाय करते हैं उनकी मनोकामनाए पूर्ण हुई हैं तथा उनकी गंभीर समस्याओंें का भी निवारण हुआ है। 

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