Wednesday, October 28, 2015

Soobhash Garg Parichay

सुभाष गर्ग  M.A  ज्योतिष वास्तु सलाहकार
परिचय 

यह एक देवयोग था या एक संयोग कि आज से लगभग 40 वर्ष पूर्व जिज्ञासा वश अचानक हस्तरेखा की एक पुरानी पुस्तक मैंने खरीद ली। तभी से हस्तरेखा-ज्योतिष मेरा एक शौक बन गया। शुरू में मित्रों, सम्बन्धियों के हाथ देखने शुरू किये तथा वे मेरे विश्लेषण का अनुमोदन करते रहे। तब मैें विषय का और गहराई से अध्ययन करने लगा।

1975 में 18 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में तानाशाही एमर्जेन्सी के विरुद्ध  सत्याग्रह करके स्वयं आगे बढ़ कर गिरफ्तारी दी। जमांनत पर रिहा होने के कारण पुन 15 दिन बाद सत्याग्रह करकेगिरफ्तारी दी। 1976  में  तीसरी बार डप्ै।  में गिरफ्तार  किया गया तथा जेल में 11 महीने हमारे जैसे हजारों कार्यकर्ताओं  को देश के बड़े नेताओं सुन्दर सिंह भंडारी, हंसराज गुप्त, मदनलाल खुराना, रजत शर्मा, अरुण जाटली  डॉ.सतपाल चुघ, डॉ. चद्रंकातं भारदवाज के  मार्गदर्शन का अवसर मिला ।
जेल में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक का गीता भाष्य अध्ययन, ज्योतिष अध्ययन व कुछ देश भक्ति की कवितायेँ लिखीं ।1977  में जेल से रिहा होने बाद अटल बिहारीय बाजपेयी, डॉ.सतपाल चुघ, डॉ. चद्रंकातं भारदवाज के साथ मेरी कुछ कविता संग्रह आंधी और अंगारे प्रकशित हुआ ।
1977 में जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में अटलबिहारीय बाजपेयी के नई दिल्ली लोक सभा चुनाव छेत्र में कार्य किया
1977 - 1980 के मध्य आकाशवाणी पर ज्योतिष विषय पर प्रसारित मेरे कार्यक्रमों ने मेरा उत्साह और भी बढ़ाया।
1972 से मैं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कार्यकर्ता रहा, लेकिन ज्योतिष और सामाजिक कार्य में मुझे कोई अंतर नहीं महसूस हुआ क्योंकि दोनों का उद्द्देश्य व्यक्ति व समाज का विकास है, तभी से हस्त रेखा, अंक ज्योतिष, ज्योतिष व वास्तुशास्त्र की पुस्तकों का अध्ययन, अनुभव तथा सबकी जिज्ञासा, शंका व समस्याओं का समाधान का क्रम निरंतर चल रहा है। 1980 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.ए. इंग्लिश शिक्षा पूर्ण करने के बाद, व्यावसायिक व पारिवारिक जीवन के साथ भारतीय ज्योतिष की परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास जारी है।

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